भारत व राजस्थान में कृषि विभाग की प्रमुख योजनाए:-

इस योजना का मुख्य उद्देश्य कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र में 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-2012) में 4% वार्षिक वृद्धि दर अर्जित करना।

यह योजना शत प्रतिशत केन्द्रीय सहायता से चालू की गयी थी।

लेकिन वर्ष 2015-16 से इस योजना में वित्त पोषण केन्द्र एंव राज्य का 60 : 40 कर दिया गया है|

यह योजना देश में चांवल, गहू एवं दलहन में क्रमशः 10, 8 एवं 2 मिलियन टन उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की गई ताकि देश में खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

12वीं पंचवर्षीय योजना में चार अन्य फसलें-मोटे अनाज, कपास, पटसन एंव गन्ना भी शामिल कर लिया गया है इस प्रकार इस योजना में कुल 7 फसलें सम्मलित है।

वर्ष 2015-16 से इस योजना में वित्त पोषण केन्द्र एंव राज्य का 60: 40 कर दिया गया है।

NATP के तहत जिला स्तर पर कृषि प्रौद्योगिकी एंव नवाचार प्रसार हेतु एक पंजीकृत कृषि सस्था के रूप में गठन हुआ। जो राज्य के सभी जिलों में कार्यरत है।

किसानों की सक्रिय भागीदारी हेतु नवीन किसान समुह / संगठनों, (NGO) को प्रोत्साहन प्रदान करना, प्रोद्यौगिकी प्रसार में अन्तर कम करना, प्रशिक्षण एवं कृषि विस्तार के कार्यक्रमों को सुचारू रूप से एवं प्रभावी क्रियान्वयन का उद्देश्य हासिल करना है।

यह एक ऐसी संस्था है, जो कृषि के विकास को स्थायित्व प्रदान करने सम्बन्धी कृषि गतिविधियों को करती है।

वर्ष 2015-16 से इस योजना में वित्त पोषण केन्द्र एंव राज्य का 60 : 40 कर दिया गया है

इस योजना का मुख्य उद्धेश्य तिलहनी एवं दलहन फसलों की उत्पादकता (Productivity) में बढ़ोत्तरी लाना है।

तथा तिलहनी एवं दलहन फसलों के उत्पादन (Production) में आत्मनिर्भरता हासिल करना।

साथ ही मक्का का विभिन्न आयामों द्वारा उत्पादकता एवं उत्पादन बढ़ाना है।

इस योजना को वर्ष 2015-16 से इसको राष्ट्रीय तिलहन एंव ऑयल पॉम मिशन (NMOOP) के नाम में परिर्वतित कर दिया गया है।

वर्ष 2018-19 में इसको राष्ट्रीय खादय सुरक्षा

इस योजना का प्रमुख उद्देश्य – प्राकृतिक आपदाओं (सुखा, बाढ़, कीट व रोग) आदि के कारण किसी भी संसूचित फसल के नष्ट होने की स्थिति में किसानों को फसल बीमा प्रदान करना है।

राजस्थान में खरीफ, 2003 से शुरू की गयी।

भारत सरकार के कृषि मंत्रालय द्वारा उद्यानिकी के हालिस्टक विकास हेतु शुरू किया गया।

यह योजना राज्य के 24 जिलों में संचालित की जा रही है।

किसानो को किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक (Nationalized bank) द्वारा 4 प्रतिशत ब्याज दर पर 3.0 लाख तक कृषि लोन प्रदान करना।

किसान समुदाय को समस्त कृषि सूचना टॉल फ्री टेलिफोन सुविधा पर प्रदान करना।

देशभर के लिए 11 डिजिट के नम्बर 1800-180-1551 आंवटित किये गये।

जिन पर 22 लोकल (क्षेत्रीय) भाषाओं में 6.00

am to 10.0 pm तक सप्ताह के सभी सात दिनों मे प्रश्न, उत्तर किये जा सकते है।

औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2015-16 में इस योजना का नाम राष्ट्रीय आयुष मिशन कर दिया गया।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य चयनित जगह पर सत्त उत्पादकता में वृद्धि तथा किसान की आय में वृद्धि करना है

यह योजना विश्व बैंक (World bank) द्वारा पोषित है जो वर्ष 2012 से 2019 तक सक्रिय रहेगी।

इसके प्रथम अध्यक्ष डॉ एम.एस. स्वामीनाथन थे।

राष्ट्रीय स्तर पर किसानों की आत्महत्याओं को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने एंव किसानों के हितों की रक्षा के लिए कमेटी बैठा कर रिर्पोट प्रस्तुत करना।

इसके अध्यक्ष प्रो. सांवरमल जाट थे जिनका वर्ष 2017 में निधन हो गया।

इस योजना का शुभारम्भ 19 फरवरी, 2015 को राजस्थान के श्री गंगानगर जिले के सूरतगढ़ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया।

यह खेत स्तर पर मिट्टी परीक्षण के लिए राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है।

इस योजना की थीम ‘स्वस्थ घरा एंव खेत हरा’ है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य मृदा में उपस्थित पोषक तत्वों का प्रयोगशाला में विश्लेषण कर सिफारिश अनुसार मृदा में उर्वरक देना है।

इसमें 0.4 हेक्टेयर भूमि से 500 ग्राम मृदा नमुना Soil Tube Auger के माध्यम से लेते है।

इसमें मृदा की pH, EC, Organic Carbon, NPK, S, Zn, B, Fe, Mn, Cu का विश्लेषण करते है।

इस योजना का विधिवत शुभारम्भ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 17 जनवरी 2016 को गंगटोक सिक्किम में राष्ट्रीय जैविक सम्मेलन में किया गया जिसमें सिक्किम को राष्ट्र का पूर्ण जैविक राज्य घोषित किया गया।

राजस्थान में वर्ष 2017 में डूंगरपुर जिले को पूर्ण जैविक जिला घोषित किया गया।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य परम्परागत संसाधनों अनुकूल पर्यावरण हितैषी कम लागत प्रोद्योगिकी और अधिक लाभ आदि के उपयोग के साथ जैविक खेती को बढ़ावा देना है।

इस योजना का शुभारम्भ एक राष्ट्र एक योजना की थीम पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 18 फरवरी 2016 को किया गया।

यह योजना पूर्व में चल रही राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना एंव परिवर्तित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की जगह लागू हुई है। तथा यह योजना राज्य के 33 जिलों में लागू है।

इस योजना में खाद्यान, तिलहन ओर वार्षिक वाणिज्यिक / बागवानी फसलें शामिल है।इस योजना का शुभारम्भ एक राष्ट्र एक योजना की थीम पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 18 फरवरी 2016 को किया गया।

यह योजना पूर्व में चल रही राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना एंव परिवर्तित राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना की जगह लागू हुई है। तथा यह योजना राज्य के 33 जिलों में लागू है।

इस योजना में खाद्यान, तिलहन ओर वार्षिक वाणिज्यिक / बागवानी फसलें शामिल है।

प्रीमियम एक मौसम एक दर खरीफ

फसलों के लिए 2% रबी फसलों के लिए 1.5% एंव वार्षिक बागवानी फसलों के लिए 5% अधिकतम है। इसमें फसल उपज के सभी जोखिमों (फसल बुवाई के पूर्व, फसल के दौरान व कटाई के बाद) को शामिल किया गया है।

यह भारतीय कृषि बीमा कम्पनी लि. द्वारा क्रियान्वित की जा रही है।

यह योजना KCC खाता धारक कृषकों के लिए अनिवार्य है जबकी अन्य किसानों के लिए स्वैच्छिक है

इस योजना का शुभारम्भ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 2 अक्टुबर 2014 को किया गया

कृषि में जैव उर्वरकों (Bio-fertilizer) का प्रयोग एंव उनका विकास बढ़ाने का उद्देश्य।

यह प्रोजेक्ट राष्ट्रीय जैविक खेती संस्थान (NIOF) के द्वारा संचालित की जा रही है। जो गाजियाबाद उत्तर प्रदेश में स्थित है

1 अप्रेल 2014 को पूर्व में चल रही निम्न 6 योजना/संस्थानों को सम्मलित कर MIDH योजना में परिर्वतित कर दिया गया।

  1. राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन (NHM)
  2. पूर्वोत्तर राष्ट्रीय उद्यानिकी मिशन (NE-NHM)
  3. राष्ट्रीय उद्यानिकी बोर्ड (NHB)- गुड़गांव, 1984
  4. केन्द्रीय उद्यानिकी संस्थान (CIH)- नागालेण्ड
  5. राष्ट्रीय बांस मिशन (NBM)
  6. नारियल विकास बोर्ड (CDB)- कोच्ची, केरल

इस योजना का नारा- ‘हर खेत को पानी’ ओर सुक्ष्म सिंचाई के लिए ‘प्रति बूंद अधिक उत्पादन’ है

बहतर सिंचाई सुविधाएं, भूजल का बेहतर प्रबन्धन ओर अधिक तालाब व कुओं के निमार्ण हेतु।

पूर्व में चल रही 4 योजनाएं – वर्षा आधारित क्षेत्र विकास कार्यक्रम, राष्ट्रीय सुक्ष्म सिंचाई मिशन

राष्ट्रीय जैविक खेती परियोजना तथा राष्ट्रीय मृदा स्वास्थ्य एंव उर्वरता प्रबन्धन परियोजना का समावेश कर एक नया कार्यक्रम ‘नेशनल मिशन फॉर सस्टेनेबल एग्रीकल्चर’ वर्ष 2014-15 से शुरू किया गया।

वर्ष 2015-16 से केन्द्र एंव राज्य का अनुपात 60 : 40 कर दिया गया।

NMSA योजना के अर्न्तगत वर्ष 2017-18 में नई योजना ‘कृशि वानिकी सबमिशन’ को शुरू किया गया।

राज्य के गावों को जल संरक्षण के द्वारा जल आत्मनिर्भर बनाना तथा गावों में पेय जल का स्थायी समाधान करना।

इस योजना का प्रथम चरण 27 जनवरी, 2016 को झालावाड़ से शुभारम्भ हुआ।

राज्य के कृषको समुह के खेत पर बीज उत्पादन करवाकर उन्नत बीजो की उपलब्धता में आत्मनिर्भर बनाना।

देश के सभी राज्यों के किसानों को आय में सहायता निश्चित करने के उद्देश्य से केन्द्र सरकार ने प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना 100% केन्द्र सहायता से चालु की है। इस योजना में एक किसान परिवार को एक वर्ष में 6000 रूपये राशि सीधे बैंक खाते में तीन समान किस्तों में जमा करवाकर सहायता दी जा रही है।

खादय प्रस्संकरण उद्योग मन्त्रालय, भारत सरकार के द्वारा टमाटर, प्याज एवं आलू (टॉप) की आपूर्ती स्थिर करने के उद्देश्य से ऑपरेशन ग्रीन्स योजना चालु की गयी ताकि वर्ष भर बिना अत्यधिक कीमतो के बढ़े उपभोक्ताओं को ये तीनों सब्जी उचित मुल्य पर आसानी से मिल सकें

कृषि जानकारी

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