पशुपालन (Animal Husbandry) कृषि का एक महत्वपूर्ण अंग है, जिसमें अनेक प्रकार के पालतू पशुओं का पालन, पोषण और उत्पादन किया जाता है। यह खाद्य उत्पादों, कृषि सहायक गतिविधियों और आर्थिक विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
पशुपालन की प्रमुख शाखाएँ निम्नलिखित है :-
निम्न लिखित शाखा
शखाओ का विवरण
डेयरी पशुपालन
गाय, भैंस आदि से दुग्ध उत्पादन।
मुर्गी पालन
अंडे और मांस उत्पादन के लिए मुर्गों का पालन।
बकरी पालन
दूध, मांस और ऊन उत्पादन के लिए बकरियों का पालन।
भेड़ पालन
ऊन और मांस उत्पादन हेतु भेड़ों का पालन।
सुअर पालन
मांस उत्पादन हेतु सुअरों का पालन।
घुड़सवारी और घोड़ा पालन
खेल, परिवहन और कृषि कार्यों में घोड़ों का उपयोग।
पशुपालन का महत्व निम्नलिखित है :-
पोषण और खाद्य सुरक्षा: दूध, मांस और अंडे से उच्च पोषणयुक्त खाद्य सामग्री प्राप्त होती है।
आर्थिक लाभ: पशुपालन से किसानों को अतिरिक्त आय का स्रोत मिलता है।
कृषि सहायक गतिविधियाँ: बैल और घोड़े जैसे पशु खेती में सहायक होते हैं।
रोज़गार के अवसर: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में कई लोगों के लिए आजीविका का साधन।
मुख्य पालतू पशु और उनका प्रबंधन निम्नलिखित है :-
1. गाय पालन की प्रमुख बाते :-
पहलू
विवरण
प्रमुख नस्लें
गिर, साहीवाल, राठी, जर्सी, होल्स्टीन
पोषण
हरा चारा, सूखा चारा, खनिज मिश्रण
देखभाल
नियमित टीकाकरण, स्वच्छता, पर्याप्त पानी
उत्पादन
दूध, गोबर खाद
2. भैंस पालन की प्रमुख बाते :-
पहलू
विवरण
प्रमुख नस्लें
मुर्रा, जाफराबादी, मेहसाणा
पोषण
उच्च प्रोटीन युक्त चारा, खनिज मिश्रण
देखभाल
नियमित टीकाकरण, सफाई
उत्पादन
उच्च वसा युक्त दूध
3. बकरी पालन की प्रमुख बाते :-
पहलू
विवरण
प्रमुख नस्लें
जमुनापारी, बीटल, सिरोही
पोषण
पत्तियाँ, सूखा चारा, दाने
देखभाल
टीकाकरण, आश्रय
उत्पादन
दूध, मांस
4. मुर्गी पालन की प्रमुख बाते :-
पहलू
विवरण
प्रमुख नस्लें
लेगहॉर्न, कड़कनाथ, ब्रॉयलर
पोषण
मकई, सोया, विटामिन सप्लीमेंट
देखभाल
रोग नियंत्रण, उचित वेंटिलेशन
उत्पादन
अंडे, मांस
आधुनिक पशुपालन की मुख्य तकनीके:-
तकनीक
विवरण
एआई (Artificial Insemination)
उन्नत नस्ल सुधार के लिए कृत्रिम गर्भाधान
स्वचालित दुग्ध संग्रहण
दूध निकालने की मशीनें
स्मार्ट फार्मिंग
IoT आधारित पशु निगरानी
बायोगैस संयंत्र
गोबर से ऊर्जा उत्पादन
पशुपालन का भविष्य क्या हो सकता है
आधुनिक तकनीकों और वैज्ञानिक शोधों की मदद से पशुपालन अधिक कुशल, लाभकारी और पर्यावरण-अनुकूल हो रहा है। भविष्य में बायोटेक्नोलॉजी, जैविक पशुपालन और डिजिटल पशु निगरानी इस क्षेत्र में नए आयाम जोड़ेंगे।